अखंड होना
पाखंडी चमत्कारी
अंधविश्वासी।
कैसा धर्म है
जिसमें अधर्म है
आचरण में।
प्रतीक होना
लक्षण है ठगना
बरगलाना।
आमजन को
पशु सा व्यवहार
मानवता से।
समझ आता
सामान्य तौर पर
आमजन को।
डॉ. लाल रत्नाकर
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अखंड पाखंडी चमत्कारी और अंधविश्वासी होना
बहुजन राजनीति का विनाश का रास्ता है।
डॉ. लाल रत्नाकर
आने वाले समय में भारतीय राजनीति और राजनीति करने वाले बिल्कुल भटक गए हैं। यह कहना बिल्कुल साफ है और इस पर भरोसा न करने की कोई गुंजाइश नहीं है। इसलिए हमें निम्नलिखित बिंदुओं पर विचार करने की जरूरत है।
विचारधारा :
लोकतंत्र:
परिवारवाद;
जनांदोलन:
सामाजिक न्याय:
धर्म की राजनीति:
युवा का सांप्रदायिक होना:
बहुजन समाज का बिखराव:
बहुजन राजनेताओं का
भ्रष्टाचार:
भय का माहौल:
राजनीति में गुंडागर्दी:
संविधान न मानने वालों का आधिपत्य:
लोकतंत्र में डकैती:
बिके हुए लोकतंत्र के चारों खंबे:
विकल्प की तलाश:
संभावित विकल्प:
विचारधारा :
के सवाल पर देखा जाए तो देश के सभी दल विचलित हुए हैं या उनकी असलियत सामने आ गई है।
बहुत सारे लोगों का मानना है कि भारतीय जनता पार्टी विचारधारा के मामले पर आगे बढ़ रही है मेरा मानना इससे अलग है जो सच्चाई है वह यह है कि जिन तत्वों की इस लेख में चर्चा की जानी है उनके लिए सबसे ज्यादा जिम्मेदार अगर कोई दल है तो वह भारतीय जनता पार्टी है।
भारतीय राजनीति में भारतीय जनता पार्टी में जिन मूल्यों को खत्म किया है वह उसकी अपनी नाकामी कही जाएगी इतिहास कभी भी किसी को भी माफ नहीं करता क्योंकि यहां पर इसी तरह का साम्राज्य मुगलों का और अंग्रेजों का रहा होगा जहां पर सत्ता की बागडोर के लिए ईमानदारी जरूर रही होगी जिससे जनता को उस राज्य से परेशानी ना हो।
मौजूदा दौर में राजनीति में बयान बाजी और ईमानदारी का कोई संबंध नहीं है झूठ का साम्राज्य चल रहा है अविश्वास और धोखाधड़ी का सबसे बड़ा हथियार राजनीति में इस काल में जिस तरह से देखने को मिला है इससे पहले कभी इस तरह के संवैधानिक कार्य नजर नहीं आते थे।