शुक्रवार, 21 मार्च 2025

अखिलेश यादव


अखिलेश यादव 
राष्ट्रीय अध्यक्ष

اكهليش يادو را شتریه ادهیکش
समाजवादी पार्टी
समाजवादी पार्टी سماج وادی پارٹی
दिनांक 13/03/2025
पत्रांक 675


श्रीमती फरमीना मुक्ता सिंह जी,
यह समाचार पाकर गहरा दुःख हुआ कि आपके पति श्री फ्रैंक हुजूर जी का दिनाँक 06 मार्च 2025 को असामयिक निधन हो गया है। इस असहनीय दुःख में हम आपके साथ हैं।

श्री फ्रैंक हुजूर जी समाजवादी विचारक, लेखक और पत्रकार थे। वह सेक्युलरिज्म और सामाजिक न्याय की विचारधारा से जुड़े थे। उन्होने नेता जी की जीवनी और नेता जी पर कई किताबें लिखी। सोशलिस्ट फैक्टर मैगजीन निकालते थे। उन्होने समाजवादी नीतियों और पी०डी०ए० का खुलकर समर्थन किया। वह अत्यन्त शालीन, विनम्र और अंग्रेजी साहित्य के विद्वान थे। कालचक्र के आगे किसी की नहीं चलती, धैर्य धारण करना पड़ता है।
ईश्वर से प्रार्थना है कि वह दिवंगत आत्मा को शान्ति, आपको और शोक संतप्त परिवार को इस दुःख को सहन करने की शक्ति प्रदान करें।


आपका,
(अखिलेश यादव)

श्रीमती फरमीना मुक्ता सिंह, 
डी/1/31, सुशान्त गोल्फ सिटी, 
शहीदपथ, लखनऊ, उत्तर प्रदेश।

शिविर कार्यालय
19, विक्रमादित्य मार्ग, लखनऊ
फोन: 2235454, 2238520
फैक्स: 2239992, 2239757
18, कापरनिक्स लेन नई दिल्ली
पिन कोड-110001
फोन नं. 011-23386842
फैक्स नं. 011-23382430 


मंगलवार, 4 मार्च 2025

अखंड पाखंडी चमत्कारी और अंधविश्वासी होना बहुजन राजनीति का विनाश का रास्ता है।

अखंड होना
पाखंडी चमत्कारी 
अंधविश्वासी। 

कैसा धर्म है 
जिसमें अधर्म है
आचरण में। 

प्रतीक होना
लक्षण है ठगना
बरगलाना।

आमजन को 
पशु सा व्यवहार 
मानवता से। 

समझ आता 
सामान्य तौर पर 
आमजन को। 

डॉ. लाल रत्नाकर




 www.samajvadi.blogspot.com
अखंड पाखंडी चमत्कारी और अंधविश्वासी होना
बहुजन राजनीति का विनाश का रास्ता है। 
डॉ. लाल रत्नाकर 
आने वाले समय में भारतीय राजनीति और राजनीति करने वाले बिल्कुल भटक गए हैं। यह कहना बिल्कुल साफ है और इस पर भरोसा न करने की कोई गुंजाइश नहीं है। इसलिए हमें निम्नलिखित बिंदुओं पर विचार करने की जरूरत है। 
विचारधारा :
लोकतंत्र: 
परिवारवाद; 
जनांदोलन:
सामाजिक न्याय: 
धर्म की राजनीति: 
युवा का सांप्रदायिक होना:
बहुजन समाज का बिखराव: 
बहुजन राजनेताओं का 
भ्रष्टाचार: 
भय का माहौल:
राजनीति में गुंडागर्दी: 
संविधान न मानने वालों का आधिपत्य: 
लोकतंत्र में डकैती: 
बिके हुए लोकतंत्र के चारों खंबे: 
विकल्प की तलाश: 
संभावित विकल्प:



विचारधारा :
के सवाल पर देखा जाए तो देश के सभी दल विचलित हुए हैं या उनकी असलियत सामने आ गई है। 
बहुत सारे लोगों का मानना है कि भारतीय जनता पार्टी विचारधारा के मामले पर आगे बढ़ रही है मेरा मानना इससे अलग है जो सच्चाई है वह यह है कि जिन तत्वों की इस लेख में चर्चा की जानी है उनके लिए सबसे ज्यादा जिम्मेदार अगर कोई दल है तो वह भारतीय जनता पार्टी है।
भारतीय राजनीति में भारतीय जनता पार्टी में जिन मूल्यों को खत्म किया है वह उसकी अपनी नाकामी कही जाएगी इतिहास कभी भी किसी को भी माफ नहीं करता क्योंकि यहां पर इसी तरह का साम्राज्य मुगलों का और अंग्रेजों का रहा होगा जहां पर सत्ता की बागडोर के लिए ईमानदारी जरूर रही होगी जिससे जनता को उस राज्य से परेशानी ना हो।
मौजूदा दौर में राजनीति में बयान बाजी और ईमानदारी का कोई संबंध नहीं है झूठ का साम्राज्य चल रहा है अविश्वास और धोखाधड़ी का सबसे बड़ा हथियार राजनीति में इस काल में जिस तरह से देखने को मिला है इससे पहले कभी इस तरह के संवैधानिक कार्य नजर नहीं आते थे।