सोमवार, 14 मई 2012

जातिवादियों की गुहार

जाति के बंधन से ऊपर उठकर करें समाज का विकास
May 15, 01:52 am
जौनपुर: सामन्तवादी मानसिकता से निकलकर समाज के हितों का ख्याल हमारा उद्देश्य होना चाहिए। जब समाज खुशहाल होगा तब हम खुशहाल होंगे। जाति-बिरादरी के बंधन से ऊपर उठकर व्यापक दृष्टिकोण रखते हुए समाज के हित और विकास के लिए सतत् प्रयत्‍‌नशील रहना ही हमारा नैतिक दायित्व बनता है।
उक्त विचार वरिष्ठ भाजपा नेता एवं पूर्व प्रदेश अध्यक्ष भारतीय जनता पार्टी सूर्य प्रताप शाही ने मुफ्तीगंज विकास खण्ड स्थित निशान गांव में स्व.उमाशंकर राय के आवास पर आयोजित भूमेश्वर समाज के एक दिवसीय सम्मेलन पर आयोजित कार्यक्रम पर व्यक्त किया। सम्मेलन में भगवान परशुराम का जन्मदिवस को मास दिवस के रूप में बृहद रूप मनाया गया तथा भगवान परशुराम के बताए रास्ते पर चलकर देश और समाज के विकास के प्रति भागीदारी सुनिश्चित करने का व्रत लिया गया।
कार्यक्रम का शुभारम्भ मुख्य अतिथि द्वारा भगवान परशुराम एवं भूमेश्वर समाज के पूर्व अध्यक्ष उमाशंकर राय के चित्र पर माल्यार्पण के साथ हुआ। तत्पश्चात भूमेश्वर समाज के अध्यक्ष विनोद राय, महामंत्री अमरनाथ राय, मीडिया प्रभारी विद्याधर राय विद्यार्थी सहित सभी पदाधिकारियों, दीनानाथ राय, इन्द्र भूषण राय, रवि प्रकाश राय, सुग्रीव राय, कृष्ण अवतार राय, दशरथ राय, उदय प्रकाश राय आदि द्वारा मुख्य अतिथि को माल्यार्पण कर स्वागत किया गया। लालसा राय द्वारा मुख्य अतिथि को भगवान परशुराम की तस्वीर स्मृति चिन्ह स्वरूप भेंट की गयी। विशिष्ट अतिथि पीके सिन्हा को समाज के अध्यक्ष विनोद राय ने स्मृति चिन्ह भेंट किया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे अरुण कुमार राय ने भूमिहार समाज को एकजुट होकर समाज के हित के कार्य करने का संदेश दिया। इसी क्रम में डा.आरपी राय, डा.अलका राय, रामजी राय, जगदीश राय, लालसा राय, सदानन्द राय, कृष्णानंद राय आदि उपस्थित सजातीय बंधुओं को सम्बोधित किया गया तथा समाज के हित में कार्य करने को प्रेरित किया गया।
कार्यक्रम का संचालन अभिलेश पाण्डेय द्वारा किया गया। देर रात तक कवि सम्मेलन का आयोजन भी किया गया, जिसमें हरीनारायण, रामकिशोर तिवारी, सुनैना त्रिपाठी, डा.कमलेश राय, फजीहत गहमरी आदि ने एक से बढ़कर एक रचनाएं सुनाकर लोगों को भाव विभोर कर दिया। अंत में आए हुए आगंतुकों के प्रति समाज के संरक्षक जगदीश राय द्वारा धन्यवाद ज्ञापित कर कार्यक्रम का समापन किया गया।
(दैनिक जागरण जौनपुर से उधृत)
सामाजिक बदलाव के इस दौर में जातीय एकता होना एक आवश्यक जरूरत बन गया है, पर सामाजिक समरसता को विखंडित करने वाली जातीय स्वार्थ से ऊपर न उठने वाली जातियां आज जीन सरोकारों की बात करती हैं कितने बेमानी लगते हैं । 

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें