सोमवार, 14 मई 2012

सामाजिक बदलाव

सामाजिक बदलाव के इस दौर में जातीय एकता होना एक आवश्यक जरूरत बन गया है, 
पर सामाजिक समरसता को विखंडित करने वाली जातीय स्वार्थ से ऊपर न उठने वाली 
जातियां आज जिंन सरोकारों की बात करती हैं वे कितने बेमानी लगते हैं । 
http://www.youtube.com/watch?v=PpxmMeXJlgo

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें