मार्क्सवादी, न समाजवादी रामपुर में आजमवादी

सुशील झा
बीबीसी संवाददाता, रामपुर से
शुक्रवार, 2 मार्च, 2012 को 13:21 IST तक के समाचार

आज़म ख़ान एक समय समाजवादी पार्टी से निकाल दिए गए थे
साम्यवाद, मार्क्सवाद और समाजवाद तो सुना था लेकिन रामपुर में आजमवाद से भी पाला पड़ा. जवाद कमाल प्रॉपर्टी डीलिंग का काम करते हैं और खुद को आजमवादी कहते हैं. आजमवादी यानी आजम खान के समर्थक.
वो कहते हैं, "मैं पहले आजमवादी हूं फिर समाजवादी. आज़म खान ने रामपुर में जितना काम किया है उतना किसी ने नहीं किया. हम मुश्किल में हैं और चाहते हैं कि सपा की सरकार बने."
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लेकिन ये आजमवादी होना क्या है. कमाल बताते हैं कि आज़मवाद तब का शब्द है जब आजम खान को समाजवादी पार्टी से निकाल दिया गया था.
तो क्या ये सिर्फ एक शब्द मात्र है. वो कहते हैं, "नहीं नहीं जी. पूरा एक दल था नौजवानों का जो बनाया गया था आजमवादी युवा मंच. ये आजम के पुरजोर समर्थक थे और जब आजम अकेले थे तब हम सभी उनके साथ थे."
लेकिन वो तो प्रापर्टी डीलर हैं उनको तो कोई दिक्कत ही नहीं होगी. कमाल बताते हैं कि उनका धंधा पांच साल से मंदा चल रहा है.
पैसे का जोर
लेकिन क्यों, वो कहते हैं, "मैं ये बात इसलिए नहीं कह रहा हूं क्योंकि मैं सपा समर्थक हूं लेकिन सच यही है कि हमारे जैसे छोटे प्रॉपर्टी डीलरों का काम ठप हो गया है. जमीन खरीदने बेचने की डील पर विभाग में बहुत पैसा मांगा जाता है. हालात ये हैं कि कोई भी जमीन आपके नाम हो सकती है अगर आप पैसा खर्च करने को तैयार हों तो."
मैं कुछ समझा नहीं, कमाल ने कहा कि वो मेरे नाम पर रामपुर में जो जमीन चाहे लिखवा सकते हैं बस जमीन का हक लेना मेरा काम होगा यानी कार्यालयों में पैसे के ज़ोर पर सब कुछ हो रहा है.
"मैं ये बात इसलिए नहीं कह रहा हूं क्योंकि मैं सपा समर्थक हूं लेकिन सच यही है कि हमारे जैसे छोटे प्रॉपर्टी डीलरों का काम ठप हो गया है. ज़मीन खरीदने बेचने की डील पर विभाग में बहुत पैसा मांगा जाता है. हालात ये हैं कि कोई भी ज़मीन आपके नाम हो सकती है अगर आप पैसा खर्च करने को तैयार हों तो"
जवाद कमाल
रामपुर में काफी विकास हुआ है लेकिन लोग सरकार से नाराज हैं. इतना ही नहीं आज़म खान को सपा से निकाले जाने और फिर वापस लेने के प्रकरण ने उन्हें एक बड़े नेता के रूप में स्थापित तो कर ही दिया है.
लेकिन मुझे नहीं पता था कि आजम खान इतने बड़े नेता हो गए हैं कि लोहियावाद की तरह आजमवाद भी चले. रामपुर के लोगों के लिए मोहम्मद आजम खान उनके ही नहीं पूरी क़ौम के और देश के नेता हैं.
आजम खान वही नेता हैं जिन्हें कल्याण सिंह के मुद्दे पर समाजवादी पार्टी से निकाला गया और बाद में मुलायम सिंह ने माफ़ी मांगकर उन्हें सम्मान से पार्टी में वापस लिया.
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